पब्लिक न्यूज भरत पासवान आसनसोल : दक्षिण बंगाल के सबसे बड़े वाणिज्यिक संगठन फॉस्बेकी द्वारा सोमवार को आसनसोल क्लब में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन फॉर स्टूडेंट्स विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के अमेरिका और इंग्लैंड के हेड ऑफ टेक्नोलॉजी सुदीप नाग विश्वास,  कॉग्निजेंट के एसोसिएट डायरेक्टर सुशांत कर तथा पश्चिम बंगाल सरकार में इंस्पेक्टर ऑफ फैक्ट्रीज अनिमेष प्रमाणिक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने आसनसोल और आसपास के क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों और कॉलेज से आए विद्यार्थियों के सामने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन फॉर स्टूडेंट्स विषय पर अपनी बातें रखें और बदलते समय के साथ-साथ किस तरह से हमें अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है, इस पर अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में काजी नजरूल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर प्रोफेसर उदय बनर्जी उपस्थित थे। इनके अलावा रामकृष्ण मिशन आसनसोल के सचिव स्वामी सौमात्मानंद जी महाराज भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। वही आसनसोल- दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन कवि दत्ता के  अलावा फॉस्बेकी के अध्यक्ष सचिन राय, सेक्रेटरी संदीप झुनझुनवाला, सेमिनार के चेयरमैन प्रवीर सरकार के अलावा आसनसोल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल, सचिव विनोद गुप्ता, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सतपाल सिंह पिंकी, पवन गुटगुटिया, राजेंद्र प्रसाद खेतान, रानीगंज चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष रोहित खेतान, अरुण भरतीया, दीपक रुद्रा सहित अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित थे। फॉस्बेकी की तरफ से सभी विशिष्ट अतिथियों को शाल ओढ़ाकर, पौधा और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान अपने स्वागत भाषा में संगठन के अध्यक्ष सचिन राय ने कहा कि आज के बदलते माहौल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्या आवश्यकता है और क्या प्रासंगिकता है। इस विषय को लेकर आज के सेमिनार का आयोजन किया गया है। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जानने वाले तीन विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। जो न केवल यहां पर उपस्थित विद्यार्थियों के सामने बल्कि व्यापारी और उद्योगपति वर्ग के प्रतिनिधियों के सामने भी अपनी बातें रखेंगे और किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके हम अपने-अपने क्षेत्र में अपने कार्य में और विकास कर सकते हैं इसके बारे में हमें जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि अगर हम तकनीक को अपनाएंगे नहीं तो हम पिछड़ते जाएंगे और आज के सेमिनार का यही मकसद है कि हमें यह विशेषज्ञ बतायेंगे कि किस तरह से हम नई तकनीक को अपना सकते हैं ताकि बदलते माहौल में खुद को डाल सकें। वहीं कवि दत्ता ने उपस्थित विद्यार्थियों के प्रति संबोधन करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या ऑटोमेशन हर चीज को अपनाना चाहिए लेकिन विद्यार्थियों को अपने जड़ों को नहीं भूलना चाहिए, मुझे यह नहीं बोलना चाहिए कि वह कहां से आए हैं और उन्हें समाज से जो मिला है भविष्य में यह प्रयास करना चाहिए कि वह समाज को उससे दोगुना वापस कर सकें। वही काजी नजरूल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर प्रोफेसर उदय बनर्जी ने कहा कि टेक्नोलॉजी का विकास होता रहेगा यह एक ऐसी सच्चाई है जिससे हम मुंह नहीं मोड सकते लेकिन हमें हमारे अंदर के विवेक को हमेशा जागृत रखना होगा क्योंकि हमें यह याद रखना चाहिए कि विवेकहीन बुद्धिमत्ता किसी काम की नहीं होती। इतिहास गवाह है कि कभी-कभी यह बहुत खतरनाक साबित होती है। इसलिए हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि हमारे अंदर जो एक शिक्षक छुपा बैठा है। हम उसे शिक्षक की बात हमेशा सुने और उसके बताएं रास्ते पर चले।

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