

पब्लिक न्यूज़ आसनसोल:– मुख्य यजमान *शंकर सुमन शर्मा, नरेश अग्रवाल, आनंद सुष्मिता पारीक,प्रभाष सुनीता गुप्ता, सुजीत सिंपल गुप्ता,आनंद पूनम अग्रवाल एवं कमल अनीता शर्मा , एवं एक दिवसीय जजमान मिथिलेश ऐश्वर्या मखारिया ने पूजा एवं श्रीमद् भागवत जी की कथा की आरती कर सप्तम दिवसीय भागवत के अंतिम दिवस पर पूजा अर्चना की।
श्रीधाम वृंदावन से आए श्री यशोदा नंदन जी महाराज के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष प्रसंग सुनाया।
श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, राजनीति का ज्ञान भरा है। श्रीमद् भागवत के अंतर्गत बड़े भाव से बड़ी श्रद्धा से भक्तों ने कथा सुनकर के अपने जीवन को धन्य बनाया।
इसके साथ महाराज श्री ने बताया कि सच्चे मित्र हीरे की तरह होते है कीमती और दुर्लभ मिलते है, झूठे मित्र तो पतझड़ की पत्तियों जैसे होते है जो सर्वत्र मिलते है।
भागवत कथा के पश्चात सभी यजमानो ने मिलकर यज्ञ किया एवं पूर्णाहुति दी।
साथ ही श्री यशोदा नंदन जी के द्वारा भारतीय संस्कृति में यज्ञ को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। ऋषियों ने यज्ञ को संसार की सृष्टि का आधार बिंदु कहा है। यज्ञ में प्राणि-मात्र के सुखी होने की कामना निहित है।
यज्ञ दर्शन को अपनाने से मनुष्य उत्कृष्टता के शिखर पर चढ़ता है और देवत्व की ओर अग्रसर होता है।
महाराज श्री ने बताया कि यज्ञ नकारात्मक वातावरण को खत्म कर समाज में सकारात्मक संदेश और एकता के संदेश देता है।
श्री मद्भागवत कथा की पूर्ण आहुति में आसनसोल के सभी भागवत प्रेमियों ने यज्ञ किया और यज्ञ की विधान को समझा। सभी ने भंडारे का प्रसाद लेकर अपने जीवन को धन्य किया।भागवत में अपार भीड़ को देखकर गुरु जी ने आसनसोल वासियों का धन्यवाद दिया इसके साथ सभी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई। गुरुवर के साथ-साथ आयोजकों ने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिल्पांचल वासियो का भरपूर सहयोग रहा जिसके लिए हम आप सबों का आभार प्रकट करते हैं।











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