
पब्लिक न्यूज़ आसनसोल रिकी बाल्मीकि :– आसनसोल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्षद गुलाम सरवर का निधन। आसनसोल के राजनीतिक जगत को एक बड़ी क्षति हुई। वार्ड संख्या 28 के पार्षद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम सरवर उर्फ लड्डन का कल देर रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह अपने पीछे पत्नी, पुत्र पुत्री समेत भरापुरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन से आसनसोल के राजनीतिक जगत में शोक का माहौल है।
वह एक बड़े विरोधी चेहरे के रूप में जाने जाते थे। वह नगर निगम में विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहे , कई गंभीर मुद्दों को उठाया। वह लंबे समय से वाम विरोधी राजनीति से जुड़े रहे। वह रहमानिया हाई स्कूल के कर्मी भी थे। 2009 में आसनसोल नगरनिगम के पार्षद चुने गए और मेयर परिषद का सदस्य भी चुने गए। वह बाद में तृणमूल शामिल हो गए। 2015 के चुनाव में पुनः पार्षद बने इस बार उन्हें बोरो चेयरमैन का दायित्व दिया गया था। 2022 में तृणमूल द्वारा टिकट नहीं दिय जाने के बाद अपनी जन्मप्रियता के आधार पर फिर से चुनाव जीता।
उनके निधन पर राज्य के कानून एवं श्रम मंत्री मलय घटक, टीएमसी प्रदेश सचिव वी. शिवदासन दासू, आसनसोल के मेयर विधान उपाध्याय, उप मेयर अभिजीत घटक, वसीम उल हक, मेयर परिषद सदस्य गुरुदास चटर्जी, भाजपा नेता जितेन्द्र तिवारी, कृष्णेंदु मुखर्जी, इंटक नेता हरजीत सिंह समेत विभिन्न वर्ग के लोगों ने गहरा शोक जताते हुए इसे शिल्पांचल की राजनीति के लिए बड़ी क्षति बताया। वह एक बड़े विरोधी चेहरे के रूप में जाने जाते थे। वह नगर निगम में विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहे , कई गंभीर मुद्दों को उठाया। वह लंबे समय से वाम विरोधी राजनीति से जुड़े रहे। वह रहमानिया हाई स्कूल के कर्मी भी थे। 2009 में आसनसोल नगरनिगम के पार्षद चुने गए और मेयर परिषद का सदस्य भी चुने गए। वह बाद में तृणमूल शामिल हो गए। 2015 के चुनाव में पुनः पार्षद बने इस बार उन्हें बोरो चेयरमैन का दायित्व दिया गया था। 2022 में तृणमूल द्वारा टिकट नहीं दिय जाने के बाद अपनी जन्मप्रियता के आधार पर फिर से चुनाव जीता।
उनके निधन पर राज्य के कानून एवं श्रम मंत्री मलय घटक, टीएमसी प्रदेश सचिव वी. शिवदासन दासू, आसनसोल के मेयर विधान उपाध्याय, उप मेयर अभिजीत घटक, वसीम उल हक, मेयर परिषद सदस्य गुरुदास चटर्जी, भाजपा नेता जितेन्द्र तिवारी, कृष्णेंदु मुखर्जी, इंटक नेता हरजीत सिंह समेत विभिन्न वर्ग के लोगों ने गहरा शोक जताते हुए इसे शिल्पांचल की राजनीति के लिए बड़ी क्षति बताया।











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