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  • SAIL BONUS 2025 : NJCS बैठक बेनतीजा, कर्मियो में आक्रोश, 31000 पर भी नहीं माना प्रबंधन, यूनियन के खिलाफ कर्मियों में भारी रोष

    SAIL BONUS 2025 : NJCS बैठक बेनतीजा, कर्मियो में आक्रोश, 31000 पर भी नहीं माना प्रबंधन, यूनियन के खिलाफ कर्मियों में भारी रोष


    पब्लिक न्यूज आसनसोल: स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड में कार्यरत करीब 50000 कार्मिकों के वार्षिक बोनस को लेकर एनजेसीएस की बैठक में सहमति नहीं बन पाई। सुबह से लेकर देर रात तक चली बैठक बेनतीजा समाप्त हुई। इस बैठक मैं बोनस को लेकर यूनियन ही बंटी हुई रही। प्रबंधन 29500 के राशि पर अड़ा रहा वहीं यूनियन ने 40500 से घटते – घटते 31000 पर आ गए। लेकिन फिर भी प्रबंधन राजी नहीं हुआ। इसके बाद सोशल मीडिया पर कार्मिक प्रबंधन और यूनियन नेताओं पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। अब इस स्थिति में लग रहा है कि प्रबंधन पहले की तरह ही कार्मिकों के खाते में राशि स्वत: ट्रांसफर कर देगा.


    सीटू की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि स्पात उद्योग में ASPILS (बोनस) उपसमिति की बैठक का परिणाम – 20-9-202520 सितंबर 2025 को आयोजित इस्पात उद्योग की ASPILS (बोनस) उपसमिति की बैठक में CITU/SWFI के प्रतिनिधि ललित मोहन मिश्रा और विश्वरूप बंद्योपाध्याय ने भाग लिया। बैठक में श्रमिक प्रतिनिधियों ने CITU और AITUC जैसे संगठनों के साथ मिलकर ASPILS/बोनस फॉर्मूले पर आपत्ति जताई, जो पिछले वर्षों में बोनस भुगतान को आधे से भी कम कर देता है। 2023 और 2024 की तुलना में 2022 के बावजूद उत्पादन में निरंतर वृद्धि हुई है।श्रमिक प्रतिनिधियों ने मांग की कि ASPILS/बोनस भुगतान 40500 रुपये से कम नहीं होना चाहिए, जैसा कि 2022 में भुगतान किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने मजदूरी संशोधन, 39 महीनों के बकाया भुगतान, और अनुबंध श्रमिकों के हित में अतिरिक्त इंक्रीमेंट की मांग की।


    प्रबंधन ने ASPILS/बोनस फॉर्मूले को जारी रखने और 29500 रुपये भुगतान की पेशकश की, जिसे श्रमिकों ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने फॉर्मूला बदलने और बोनस भुगतान में सुधार की मांग दोहराई। हालांकि, बैठक में CITU प्रतिनिधि ने प्रबंधन के 32500 रुपये के प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं जताई, लेकिन प्रबंधन की अड़ियल और श्रमिक-विरोधी रवैये के कारण बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।प्रबंधन ने 31000 रुपये के प्रस्ताव पर भी कोई जवाब नहीं दिया, जिससे श्रमिकों में रोष है। ललित मोहन मिश्रा, CITU के महासचिव, SWFI ने मांग की कि सभी संयंत्रों और प्रतिष्ठानों में तत्काल आंदोलन शुरू किया जाए ताकि श्रमिकों के वैध हकों की रक्षा हो सके।

  • टीएमसी पार्षद अशोक रुद्रा ने आज बर्नपुर में त्रिवेणी मोड़ के पास अपने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया उन्होंने कहा कि एक अफवाह उड़ाई जा रही है कि बर्नपुर पोस्ट ऑफिस अपनी वर्तमान जगह से हटाया जा रहा

    टीएमसी पार्षद अशोक रुद्रा ने आज बर्नपुर में त्रिवेणी मोड़ के पास अपने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया उन्होंने कहा कि एक अफवाह उड़ाई जा रही है कि बर्नपुर पोस्ट ऑफिस अपनी वर्तमान जगह से हटाया जा रहा

    आसनसोल बर्नपुर पब्लिक न्यूज – टीएमसी पार्षद अशोक रुद्रा ने आज बर्नपुर में त्रिवेणी मोड़ के पास अपने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया उन्होंने कहा कि एक अफवाह उड़ाई जा रही है कि बर्नपुर पोस्ट ऑफिस इस समय जिस जगह पर है वहां से उसे हटाया जा रहा है जिस वजह से लोगों में काफी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। अशोक रूद्र ने कहा कि इस पोस्ट ऑफिस पर इस क्षेत्र के कई लोग व्यापारी इसको कर्मचारी रेलवे के कर्मचारी वरिष्ठ नागरिक निर्भर हैं। वहां पर जो स्टेट बैंक है उसकी जगह को भी काम कर दिया गया है इसको द्वारा जो पैसा लिया जाता था रिन्यू करने के समय उसको लेकर काफी बातचीत की गई आखिरकार 4 लाख में तय किया गया लेकिन जगह कम कर दिए जाने की वजह से वहां के दुकानदारों को समस्या हो रही है आज स्थिति को जानने के लिए वह खुद बर्नपुर हेड पोस्ट ऑफिस गएथे पुराने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के चीफ मैनेजर से भी बात की उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मार्केट पोस्ट ऑफिस का भी हटाने के बाद लगातार लगभग 4 सालों से कहीं जा रही है जिसे लोगों ने अभी आंदोलन करके रोक रखा है लेकिन इसको मार्केट पोस्ट ऑफिस के रख रखाव को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है।

  • বার্নপুরে দুটি নির্মাণ নিয়ে এলাকার বাসিন্দাদের প্রশ্ন / কাঠগড়ায় সেল আইএসপি কতৃপক্ষের ভূমিকা / স্মারকলিপি কাউন্সিলরকে…………বার্নপুর, ২৫ জুনঃ

    বার্নপুরে দুটি নির্মাণ নিয়ে এলাকার বাসিন্দাদের প্রশ্ন / কাঠগড়ায় সেল আইএসপি কতৃপক্ষের ভূমিকা / স্মারকলিপি কাউন্সিলরকে…………বার্নপুর, ২৫ জুনঃ

    পাবলিক নিউজ ডেস্ক:-আসানসোল পুরনিগমের বার্নপুর এলাকার তৃনমুল কংগ্রেসের কাউন্সিলর অশোক রুদ্র বার্নপুরের একটি জমিতে দুটি নির্মাণ প্রকল্প নিয়ে প্রশ্ন তুলেছেন। তিনি বলেন, যে জমিতে এই দুটি নির্মাণ প্রকল্প চলছে, সেখানে দুটি ছোট দোকান এবং একটি শিব মন্দির ছিলো যেখানে আগে গণেশ পূজা হতো। কিন্তু এখন সেখানে কয়েক হাজার বর্গফুটের দুটি বড় ভবন তৈরি হচ্ছে। তিনি আরো বলেন, এলাকার মানুষ, ক্ষুদ্র কৃষকরা, এই সংক্রান্ত একটি স্মারকলিপি আমার কাছে জমা দিয়েছেন। তাতে তারা এই নির্মাণ কাজটি বৈধ না অবৈধ তা খুঁজে বার করার জন্য অনুরোধ করেছেন। তিনি বলেন, এখানে আগে বলা হয়েছিল যে একটি আউটলেট তৈরি করা হবে। সেই সময় কিন্তু কেউ এর বিরোধিতা করেননি। কারণ এখানে একটি শিব মন্দির, দুটি দোকান এবং গণেশ পূজা হতো। তাই প্রথমে কিছুটা ঝামেলা হয়েছিলো। কিন্তু স্থানীয় কাউন্সিলর হওয়ার কারণে আমি  স্থানীয় জনগণের সাথে বসে শান্তিপূর্ণভাবে বিষয়টি সমাধান করেছিলাম।  কিন্তু এখন স্থানীয় জনগণ বলছেন যে এখানে দুটি নির্মাণ কাজ অবৈধভাবে করা হচ্ছে। অশোক রুদ্র প্রশ্ন তোলেন, যখন এই বার্নপুরে স্থানীয় দোকানদারদের তাদের ছোট দোকানে কোনও মেরামতের কাজ করতে হলে নানা ধরনের সমস্যার সামনে পড়তে হয়। তখন দোকানদারদের বার্নপুর সেল আইএসপির কাছ থেকে অনুমতি নিতে ক্লান্ত হতে হয়।

    এখন এখানে দুটি বড় ভবন তৈরি হচ্ছে, যার বিষয়ে মানুষের সন্দেহ আছে যে এগুলি অবৈধ হতে পারে? তাহলে এই জিনিসটি কিভাবে আধিকারিকদের চোখ এড়িয়ে গেল? তিনি বলেন, প্রাথমিকভাবে যখন স্থানীয় মানুষেরা প্রতিবাদ করেছিল, তখন সেল আইএসপি বা ইস্কো কারখানা কতৃপক্ষ জনগণকে আশ্বস্ত করেছিলেন যে শিব মন্দিরের জন্য অন্য জায়গা দেওয়া হবে।  অন্য জায়গায় গণেশ পূজার ব্যবস্থা করা হবে, কিন্তু তেমন কিছুই হয়নি। এদিকে, স্থানীয় মানুষ বলছেন যে এখানে অবৈধ নির্মাণ করা হচ্ছে। অশোক রুদ্র অভিযোগ করেছেন যে, সেল আইএসপি কতৃপক্ষের একাংশের যোগসাজশ ছাড়া এটি করা সম্ভব নয়। তিনি বলেন, আমি সেল আইএসপির ঊর্ধ্বতন আধিকারিকদের এ বিষয়ে অবহিত করবো। এর পাশাপাশি আমি রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কেও জানাবো। অবহিত করবো দিল্লিতে সেল আধিকারিকদেরও। তিনি দাবি করেন যে, সেল আইএসপির আধিকারিকদের  বলতে হবে যে, দুটি নির্মাণ করা হচ্ছে তা বৈধ না অবৈধ।
    তবে এই অভিযোগ নিয়ে সেল আইএসপি কতৃপক্ষের কোন প্রতিক্রিয়া পাওয়া যায় নি।

  • দেরাদুনে দুদিনের ” এইচএসএফইএ ২০২৫” সম্মেলন / বার্নপুর সেল আইএসপির মুকুটে “সেফটি এক্সেলেন্স অ্যাওয়ার্ড”…………., বার্নপুর, ১০ এপ্রিলঃ

    দেরাদুনে দুদিনের ” এইচএসএফইএ ২০২৫” সম্মেলন / বার্নপুর সেল আইএসপির মুকুটে “সেফটি এক্সেলেন্স অ্যাওয়ার্ড”…………., বার্নপুর, ১০ এপ্রিলঃ

    পাবলিক নিউজ আসানসোল :– বার্নপুর সেল আইএসপি বা ইস্কো কারখানাকে “সেফটি এক্সেলেন্স অ্যাওয়ার্ড”-এ ভূষিত করা হয়েছে ইন্টারন্যাশনাল সাসটেইনেবিলিটি কনফারেন্স অন হেলথ সেফটি, ফায়ার অ্যান্ড এনভায়রনমেন্টাল অ্যাডভান্সেস ( এইচএসএফইএ ২০২৫ )-এ। এই সম্মেলন ৯ ও ১০ এপ্রিল দেরাদুনে অনুষ্ঠিত হয়। যার আয়োজক ছিল ইউপিইএস, দেরাদুনের স্কুল অব অ্যাডভান্সড ইঞ্জিনিয়ারিং-এর সাসটেইনেবিলিটি ক্লাস্টার।
    এই মর্যাদাপূর্ণ পুরস্কারটি মেটাল ইন্ডাস্ট্রির ক্ষেত্রে নিরাপত্তা ব্যবস্থায় অসাধারণ অবদানের জন্য বার্নপুর সেল আইএসপি বা ইস্কো কারখানাকে স্বীকৃতি হিসেবে প্রদান করা হয়েছে।
    এইচএসএফইএ ২০২৫ ছিল এই অঞ্চলের সবচেয়ে বড় সম্মেলন। যেখানে অংশগ্রহণ করেন সুরক্ষা বিশেষজ্ঞ, কর্পোরেট নেতা, শিক্ষাবিদ ও চিন্তাবিদরা। এতে পাওয়ার, এনার্জি, প্রজেক্ট ম্যানেজমেন্ট কনসালটেন্সি, স্টিল, অয়েল অ্যান্ড গ্যাস, কনস্ট্রাকশন, রিয়েল এস্টেট, ফার্টিলাইজার, কেমিক্যাল এবং এনভায়রনমেন্টাল হেলথ অ্যান্ড সেফটি ( ইএইচএস)-র সাথে জড়িত বিভিন্ন শিল্প প্রতিষ্ঠান সক্রিয়ভাবে অংশগ্রহণ করে।
    সম্মেলনে উপস্থিত উল্লেখযোগ্য সংস্থাগুলোর মধ্যে ছিল ওএনজিসি, সেল, এইপিসিএল, এনএফএল, জিন্দাল স্টেনলেস, ইআইএল, আইটিসি টেকনিপ, টাটা প্রজেক্ট এবং এল এন্ড টি। যা এই অনুষ্ঠানকে বিভিন্ন শিল্পক্ষেত্রে স্থায়িত্ব ও নিরাপত্তা সংক্রান্ত আলোচনার একটি গুরুত্বপূর্ণ মঞ্চ হিসেবে প্রতিষ্ঠিত করে।

  • বার্নপুর সেল আইএসপির সম্প্রসারণ / বিদেশি বিশেষজ্ঞদের উপস্থিতিতে ভাঙা হলো ৭০ বছরের পুরনো ৫ টি কুলিং টাওয়ার……………বার্নপুর,

    বার্নপুর সেল আইএসপির সম্প্রসারণ / বিদেশি বিশেষজ্ঞদের উপস্থিতিতে ভাঙা হলো ৭০ বছরের পুরনো ৫ টি কুলিং টাওয়ার……………বার্নপুর,

    পাবলিক নিউজ আসানসোল :– রামনবমী রবিবার সকালে ইস্পাত নগরী বার্নপুর সহ গোটা শিল্পাঞ্চল একটি ঐতিহাসিক ঘটনার স্বাক্ষী থাকলো। বার্নপুর ইস্কো কারখানা বা সেল আইএসপিতে পূর্ব ঘোষণা মতো ভেঙে ফেলা হলো ৫ টি কুলিং টাওয়ার। নতুন প্ল্যান্ট সম্প্রসারণের জন্য আইএসপির ভেতরে ৫ টি কুলিং টাওয়ার ভেঙে ফেলা হলো বলে, কারখানার মুখ্য জনসংযোগ আধিকারিক ভাস্কর কুমার জানিয়েছেন।
    তিনি বলেন, এদিন বার্নপুর সেল আইএসপির পাঁচটি আইকনিক কুলিং টাওয়ার ভেঙে ফেলা হয়। ৭০ বছরের পুরনো পাঁচটি হাইপারবোলিক কংক্রিট ন্যাচারাল ড্রাফ্ট কুলিং টাওয়ার। প্রতিটি ৭২ মিটার উঁচু এবং ৩০-৪৮ মিটার ব্যাসের। এদিন সকাল ১২.১৫ মিনিটে ভেঙে ফেলা হয়।
    প্রাথমিক ভাঙার জন্য সবচেয়ে নিরাপদ এবং সবচেয়ে সাশ্রয়ী পদ্ধতি হল বিস্ফোরক নিয়ন্ত্রিত ব্যবহারের মাধ্যমে কাঠামোগত ধস নামানো। এর পরে হাইড্রোলিক সরঞ্জাম লাগানো খননকারী যন্ত্র ব্যবহার করে সেকেন্ডারি পার্টের কাজ করা হয়।দক্ষিণ আফ্রিকার বিস্ফোরক ধ্বংসকারী বিশেষজ্ঞ মেসার্স জেট ডেমোলিশন ( পিটিওয়াই ) লিমিটেডের সহায়তায় মুম্বাইয়ের মেসার্স এডিফাইস ইঞ্জিনিয়ারিং সংস্থার সঙ্গে এই কাজের জন্য চুক্তি হয়েছিলো ।আরো বলা হয়েছে, যেহেতু কুলিং টাওয়ারগুলির কোনও কাঠামোগত অঙ্কন পাওয়া যায়নি, তাই মূল ভৌত বৈশিষ্ট্যগুলি, যেমন রিং বিমের উপরে শেলের পুরুত্বের টেপারিং এবং স্টিল রিইনফোর্সমেন্ট বারগুলির বিশদ স্থান স্থাপনের পরে সরাসরি স্থান তদন্তের মাধ্যমে নির্ধারণ করা হয়েছিল।
    আগে স্থান পরিদর্শন এবং অতীতের অভিজ্ঞতা থেকে চাক্ষুষ পর্যবেক্ষণের ভিত্তিতে প্রাথমিক ভাঙ্গার নকশা প্রস্তুত করা হয়েছিল। ভাঙার স্থান প্রস্তুতির কাজ শুরু করার সময় ও স্থান স্থাপনের পরে প্রকৃত কুলিং টাওয়ারের কাঠামোগত বিবরণ স্থাপনের জন্য অতিরিক্ত তদন্ত করা হয়েছিল। তাই ভাঙ্গার নকশার কিছু দিক উপকারী বা প্রয়োজনীয় বলে বিবেচিত হিসাবে সংশোধন করা হয়েছিল।
    জানা গেছে, এই টাওয়ারগুলি ১৯৫০ সালে নির্মিত হয়েছিলো, যখন এই কারখানায় ব্লাস্ট ফার্নেস তৈরী করা হয়। সুতরাং এগুলি প্রায় ৭০ বছরের পুরানো।
    এদিন কয়েক সেকেন্ডের মধ্যে পাঁচটি কুলিং টাওয়ারে ব্লাস্টিং বা বিস্ফোরণ ঘটানো হয়। আর তার কয়েক সেকেন্ডের মধ্যে পাঁচটি কুলিং টাওয়ার মাটিতে মিশে যায়। এই প্রক্রিয়া চলার সময় যাতে কোন সমস্যা ও আশপাশে ক্ষতি না হয়, তারজন্য প্রয়োজনীয় সব পদক্ষেপ ও ব্যবস্থা নেওয়া হয়েছিলো। এই কাজের জন্য এদিন সকাল আটটা থেকে বিকেল পর্যন্ত বার্নপুরের রিভারসাইড এলাকার দুটি বিদ্যুৎ সাবস্টেশন বন্ধ রাখা হয়।
    প্রসঙ্গতঃ, এই ধরনের কুলিং টাওয়ার ভাঙার জন্য ভারতে কোনও বিশেষজ্ঞ নেই। তাই বিদেশ থেকে বিশেষজ্ঞদের ডাকা হয়েছিলো। আগেই বলা হয়েছিলো ৫ টি কুলিং টাওয়ার এমনভাবে ভেঙে ফেলা হবে, যাতে সেগুলির জন্য আশপাশের কোনকিছু না হয়। এমনভাবে একই জায়গায় ভেঙে ফেলা হবে, যাতে আশেপাশের এলাকার কোনও ক্ষতি হবে না। বিশেষজ্ঞরা আগেই বলেছিলেন , এত বড় টাওয়ার ভেঙে ফেলার দৃশ্য দেখতে খুবই রোমাঞ্চকর হবে। এদিন তেমন দৃশ্য দেখাও গেলো।
    উল্লেখ্য, এবারের সম্প্রসারণের ফলে বার্নপুর ইস্কো কারখানা বা সেল আইএসপির লক্ষ্যমাত্রা ৭ মিলিয়ন টন হবে। এই উৎপাদনের লক্ষ্যমাত্রার পরে সেল আইএসপি দেশের অন্যতম বৃহৎ ইস্পাত কারখানার তকমা পাবে। এই পর্যায়ের সম্প্রসারণে ব্যয় প্রায় ৩৫ হাজার কোটি টাকা হবে বলে জানা গেছে। এর কাজ ইতিমধ্যেই শুরু হয়েছে। এটি সম্পূর্ণ হতে প্রায় ৫ বছর সময় লাগবে। এর পরে বার্নপুরের আমুল পরিবর্তন হবে।
    নতুন সম্প্রসারণ থেকে কর্মসংস্থান ও উন্নয়ন আরো হবে। নতুন প্রজেক্ট আসায় শুধুমাত্র আইএসপির সাথে যুক্ত লোকদের ভবিষ্যতই উন্নত করবে না এমনটা নয়। আসানসোল পুরনিগমের বার্নপুর এলাকা এবং আশেপাশের গ্রামগুলির উন্নয়ন ও কর্মসংস্থানেও গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করবে এই সম্প্রসারণ। সেল আইএসপির কাছাকাছি বসবাস করা শিক্ষিত বেকারদের কর্মসংস্থানের সম্ভাবনা বাড়বে এবং শহরের উন্নয়নের সঙ্গে সঙ্গে সাধারণ মানুষের জীবনযাত্রার মানও বদলে যাবে। শহরের বিন্যাস বদলে যাবে এবং বিশ্বস্তরে বার্নপুর শহরের নিজস্ব একটা পরিচয় উঠে আসবে ।
    সেল আইএসপির কুলিং টাওয়ার কি? বিশেষজ্ঞরা জানাচ্ছেন, একটি কুলিং টাওয়ার হল একটি বিশেষ তাপ এক্সচেঞ্জার ও পরিবর্তনকারী যন্ত্র । যেখানে বায়ু এবং জলকে জলের তাপমাত্রা কমাতে একে অপরের সাথে সরাসরি যোগাযোগে আনা হয়। ইস্পাত প্ল্যান্টের জন্য কুলিং টাওয়ারের প্রয়োজন হয়। যাতে উৎপাদন প্রক্রিয়া চলাকালীন উৎপন্ন বর্জ্য তাপ অপসারণ করা যায় ও সরঞ্জামের নির্ভরযোগ্যতা নিশ্চিত করা যায়। পাশাপাশি বিভিন্ন অ্যাপ্লিকেশনে ব্যবহৃত শীতল জলের মাধ্যমে অপারেশনাল দক্ষতা বজায় রাখা যায়।
    প্রসঙ্গতঃ, বার্নপুরে স্টিল অথরিটি অফ ইন্ডিয়ার ইস্কো স্টিল প্ল্যান্টের এর আগে প্রতি বছর ২.৫ মিলিয়ন টন অপরিশোধিত ইস্পাত উৎপাদন ক্ষমতা ছিলো। পরে তা তা বাড়িয়ে ৫ মিলিয়ন টন করা হয়েছিলো। ১৯১৮ সালে প্রতিষ্ঠিত ইন্ডিয়ান আয়রন অ্যান্ড স্টিল কোম্পানি, যা একসময় মার্টিন বার্ন গ্রুপের পতাকাবাহী জাহাজ ছিল। ২০০৬ সালে সেলের সাথে বার্নপুর ইস্কো কারখানার সংযুক্তিকরণ হয়। তারপর এর নাম সেল আইএসপি বা ইস্কো স্টিল প্ল্যান্ট হয়। প্রথম পর্যায়ের সম্প্রসারণে প্রায় ১৬ হাজার কোটি টাকা ব্যয় করা হয়েছিলো।

  • ऐतिहासिक पांच कुलिंग टावरों के ध्वस्त हो जाने से उन्हें दुख तो जरूर है लेकिन कारखाने के आधुनिकीकरण को देखते हुए उन्हें इस दुख को झेल ना होगा ताकि कारखाने का भविष्य उज्जवल हो

    ऐतिहासिक पांच कुलिंग टावरों के ध्वस्त हो जाने से उन्हें दुख तो जरूर है लेकिन कारखाने के आधुनिकीकरण को देखते हुए उन्हें इस दुख को झेल ना होगा ताकि कारखाने का भविष्य उज्जवल हो

    पब्लिक न्यूज आसनसोल:– बर्नपुर के सेल आईएसपी का आधुनिकीकरण चल रहा है इसके लिए केंद्र सरकार का इस्पात मंत्रालय एक बार फिर यहां पर निवेश करने की बात कह रहा है किसी भी आज कारखाने के अंदर एक ऐतिहासिक दृश्य देखा गया यहां पर एक साथ पांच कॉलिंग टावरों को किस तरह से एक साथ पांच कुलिंग टावरों को विस्फोट के जरिए ध्वस्त कर दिया गया। इस बारे में जब हमने सेल आईएसपी के कुछ कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक पांच कुलिंग टावरों के ध्वस्त हो जाने से उन्हें दुख तो जरूर है लेकिन कारखाने के आधुनिकीकरण को देखते हुए उन्हें इस दुख को झेल होगा ताकि कारखाने का भविष्य उज्जवल हो

  • কুলটিতে পানীয়জলের সমস্যার সমাধান / পাম্প হাউস এলাকা পরিদর্শনে আধিকারিকরা……….. কুলটি,

    কুলটিতে পানীয়জলের সমস্যার সমাধান / পাম্প হাউস এলাকা পরিদর্শনে আধিকারিকরা……….. কুলটি,

    পাবলিক নিউজ আলোক চক্রবর্তী আসানসোল পশ্চিম বর্ধমান জেলার আসানসোল পুরনিগমের কুলটি পুর এলাকায় পানীয়জলের সমস্যা ধীরে ধীরে তীব্র আকার ধারণ করছে। বলতে গেলে প্রতিদিনই কুলটি কোন না কোন ওয়ার্ডের বাসিন্দারা পানীয়জলের দাবিতে রাস্তায় নেমে অবরোধ বিক্ষোভ করছেন। এই প্রেক্ষিতে সম্প্রতি, বিভিন্ন ওয়ার্ডের কাউন্সিলর ও স্থানীয় মানুষজনেরা আসানসোল পুরনিগমের মেয়র বিধান উপাধ্যায়কে পানীয়জল সরবরাহের সমস্যা নিয়ে অনুরোধ করেছিলেন। সেই মতো মেয়র বিধান উপাধ্যায় ও পশ্চিম বর্ধমানের জেলাশাসক এস পোন্নাবলম আসানসোলে জেলাশাসক কার্যালয়ের কনফারেন্স হলে একটি বৈঠক করেন সেই বৈঠকে সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিলো যে সোমবার আসানসোল পুরনিগম, জেলা প্রশাসন, রেল ও সেল আধিকারিকরা উপস্থিত থাকবেন। আরে সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিলো যে এই বৈঠকের পরেই কুলটিতে পানীয়জল সমস্যা সমাধানের জন্য কোনও সুনির্দিষ্ট পদক্ষেপ নেওয়া হবে।

    সেই বৈঠকের সিদ্ধান্ত মতো এদিন একটি উচ্চ-স্তরের প্রশাসনিক আধিকারিকদের দল কুলটিতে মনবেড়িয়া পাম্প হাউস এলাকা পরিদর্শন করেন। সেই দলে পশ্চিম বর্ধমান জেলা প্রশাসনের ডেপুটি ম্যাজিস্ট্রেট বিকাশ কুমার দত্ত, সেল ও রেলের আধিকারিকরা ছিলেন। তারা দীর্ঘক্ষন গোটা এলাকা পরিদর্শন করেন।

    এই প্রসঙ্গে কুলটি সেল গ্রোথ ওয়ার্কসের সিজিএম বলেন, এদিব এলাকা পরিদর্শন করা হয়েছে। এই এলাকার জল সমস্যা সমাধানের চেষ্টা করা হবে। তবে, কত দিনের মধ্যে জল সমস্যা সম্পূর্ণরূপে সমাধান হবে সে সম্পর্কে তিনি কোনও নির্দিষ্ট সময়সীমা দিতে পারেননি।

    পশ্চিম বর্ধমান জেলা প্রশাসনের ডেপুটি ম্যাজিস্ট্রেট বলেন, জেলাশাসকের নির্দেশে এলাকা পরিদর্শন করা হলো। এরপর আলোচনায় বসে একটা রিপোর্ট জেলাশাসককে দেওয়া হবে। তারপর পদক্ষেপ নেওয়া হবে।

    এই বিষয়ে, তৃনমুল কংগ্রেসের কুলটি ব্লকের সাধারণ সম্পাদক দুলাল চক্রবর্তী বলেন, আমরা জানি না কিভাবে কুলটি এলাকার পানীয় জল সরবরাহ করা হবে, তবে তাদেরকেই জল সরবরাহ করতে হবে। এদিন জেলা প্রশাসন, সেল ও রেলের আধিকারিকরা এলাকা পরিদর্শন করেছেন। মানবেড়িয়ার পাম্প হাউসটি তারা দেখেছেন। তারা স্পষ্টভাবে বলতে পারেননি যে জল সমস্যা কিভাবে সমাধান করা হবে। তা তিনি জানেন না। সরবরাহ কীভাবে করা হবে? কিন্তু যদি জল সরবরাহ না করা হয়, তাহলে আগামী দিনে বৃহত্তর আন্দোলন করা হবে বলে এদিন দুলাল চক্রবর্তী হুমকি দেন।

  • বার্নপুরের সেল আইএসপিতে সিআইএসএফ ও এনডিআরএফের মক ড্রিল

    বার্নপুরের সেল আইএসপিতে সিআইএসএফ ও এনডিআরএফের মক ড্রিল

    পাবলিক নিউজঃ আসানসোল বার্নপুরের সেল আইএসপি বা ইস্কো কারখানায় ( ইস্কো স্টিল প্ল্যান্ট) মঙ্গলবার সন্ধ্যায় সিআইএসএফ (কেন্দ্রীয় শিল্প সুরক্ষা বাহিনী) ও জাতীয় দুর্যোগ মোকাবিলা বাহিনী (এনডিআরএফ) দ্বিতীয় ব্যাটালিয়ন হরিণঘাটা (পশ্চিমবঙ্গ) এর সহযোগিতায় একটি যৌথ মাল্টি এজেন্সি মক ড্রিল হয়।
    আইএসপি বা বার্নপুর স্টিল প্ল্যান্টের এসএমএসে (স্টিল মেল্টিং শপ) এলএইচএফ # ২ এর কার্বন মনোক্সাইড পাইপলাইনে বিস্ফোরণ, আগুনের কারণে আটকে পড়া শ্রমিকদের নিরাপদে সরিয়ে নেওয়ার জন্য, অগ্নি দুর্ঘটনা নিয়ন্ত্রণ এবং প্রয়োজনীয় পদক্ষেপ গ্রহণের জন্য সংশ্লিষ্ট সকল বিভাগ দ্বারা ইউনিটের দুর্যোগ ব্যবস্থাপনা পরিকল্পনা অনুসারে পদক্ষেপের ধাপে ধাপে বাস্তবায়নের একটি প্রদর্শনী হিসাবে এই পদক্ষেপটি নেওয়া হয়েছিল। মক ড্রিলের সাহায্যে এনডিআরএফের সহায়তায়, স্ট্রেচার লেসিং এবং ফ্লাইং ফক্সের সাহায্যে দড়ি উদ্ধার পদ্ধতি ব্যবহার করে উচ্চতায় আটকে পড়া সমস্ত ক্ষতিগ্রস্ত শ্রমিকদের নিরাপদে সরিয়ে নেওয়ার একটি প্রদর্শনীও দেখানো হয়েছিল।
    সিআইএসএফ নিরাপত্তা, অগ্নিনির্বাপণ বাহিনীর সদস্য, স্থানীয় পুলিশ, হাসপাতালের কর্মী, আইএসপি নিরাপত্তা বিভাগ, স্টিল মেল্টিং শপ, অন্যান্য বিভাগ এবং এনডিআরএফের দ্বিতীয় ব্যাটালিয়ন হরিণঘাটা (পশ্চিমবঙ্গ) মিলিয়ে ১৫৭ জন এই যৌথ মক ড্রিলে অংশগ্রহণ করেন।
    আইএসপি বার্নপুরের সিআইএসএফ ইউনিটের ঊর্ধ্বতন আধিকারিকদের তত্ত্বাবধানে ইডি (প্রকল্প) সুরজিৎ মিশ্র, ইডি (এইচআর) উমেন্দ্র পাল সিং, জেনারেল ম্যানেজার (এসএমএস) আনন্দ কুমার, জেনারেল ম্যানেজার (নিরাপত্তা) প্রণব কুমার পালের উপস্থিতিতে এই যৌথ মাল্টি-এজেন্সি মক ড্রিলটি সফলভাবে যথাযথ ও মসৃণভাবে পরিচালিত হয়।

  • SAIL ISP में ₹4403.23 करोड़ से  अत्याधुनिक कोक ओवन बैटरी बनेगा

    SAIL ISP में ₹4403.23 करोड़ से  अत्याधुनिक कोक ओवन बैटरी बनेगा

    पब्लिक न्यूज बर्नपुर: आई.एस.पी., बर्नपुर में अगले 41 महीनों में ₹4403.23 करोड़ की कुल लागत पर स्थापित होगा एक नया अत्याधुनिक पहली बार स्टैम्प चार्ज कोक ओवन बैटरी जो की एक नए सी.डी.सी.पी., डी.एम. वाटर प्लांट, बाय-प्रोडक्ट प्लांट और बी.ओ.डी. प्लांट के साथ लैस होगा ।
    25.02.2025 की शाम को परियोजना विभाग में नए सी.डी.सी.पी.(कोक ड्राई कूलिंग प्लांट) के साथ एक डी.एम.(डीमिनरलाइजेशन) वाटर प्लांट स्थापित करने के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और निप्पॉन स्टील इंजीनियरिंग (भारत और जापान) – जो सी.डी.क्यू. (कोक ड्राई क्वेंचिंग) तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी हैं – के साथ ₹624.36 करोड़ की अनुमानित लागत वाला एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
    अनुबंध हस्ताक्षर के दौरान  आई.एस.पी,बर्नपुर के ई.डी.(प्रोजेक्ट्स) सुरजीत मिश्रा ने बताया कि यह अनुबंध ₹4403.23 करोड़ की कुल लागत वाले एक व्यापक परियोजना के तीन पैकेजों में से एक के लिए है, जिसे आई.एस.पी. में कोक उत्पादन दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से 10-01-2025 को सेल बोर्ड की 519वीं बैठक में अनुमोदित किया गया था। इस परियोजना के तहत 1.0 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) ड्राय कोयला थ्रूपुट की सुविधा विकसित की जाएगी।
    अन्य दो पैकेजों के अनुबंध पिछले सप्ताह संबंधित तकनीकों के वैश्विक अग्रदूतों के साथ हस्ताक्षरित किए गए थे, जो तकनीकी प्रगति और औद्योगिक उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। गौर तलब है कि तीनों पैकेजों वाली यह पूरी परियोजना को अनुबंधों पर हस्ताक्षर की तारीख से 41 महीनों के भीतर पूरी की जानी है।
    बर्नपुर में पहली बार स्टैम्प चार्ज कोक ओवन बैटरी (सी.ओ.बी. #12) स्थापित करने के लिए ₹2138.19 करोड़ की अनुमानित लागत वाले एक पैकेज के लिए एस.एम.एस. इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेकॉन लिमिटेड और पॉल वुर्थ एस.पी.ए. के साथ 21 फरवरी को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
    इसी तरह, बर्नपुर में एक नया बाय-प्रोडक्ट प्लांट, जिसमें बी.ओ.डी. (बायोलॉजिकल ऑक्सीकरण और डी-फिनोलाइजेशन) प्लांट शामिल है, स्थापित करने के लिए ₹849.49 करोड़ की अनुमानित लागत वाले एक अन्य पैकेज के लिए हुत्नी प्रोजेक्ट फ्राइडेक-मिस्तेक ए.एस. और हुत्नी प्रोजेक्ट एफएम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
    आगामी सीओबी #12 बैटरी 6.25 मीटर ऊंची होगी, जिसमें कुल 60 ओवन (प्रत्येक 30 ओवन के दो ब्लॉक) शामिल होंगे और यह लगभग 0.76 एमटीपीए का कुल ड्राय ग्रॉस कोक उत्पादन प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि यह बैटरी उच्च गुणवत्ता वाला कोक उत्पादित करेगी, जिसमें एम10 मान 5.5% से कम और बी.एफ. कोक उत्पादन लगभग 70.5% होगा।


    इस उन्नत स्टैम्प-चार्जिंग तकनीक का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह निम्न-ग्रेड और पीसीसी/एमसीसी कोयले का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाला कोक उत्पन्न कर सकती है, जिससे लागत दक्षता बनी रहती है और प्रदर्शन पर कोई समझौता नहीं होता। ड्राय
    आगामी सीओबी #12 लगभग 350 म³/टीडीसीसी गैस उत्पादन करेगी, जिसमें 50,000 एनएम³/घंटा गैस हैंडलिंग क्षमता होगी। यह अत्याधुनिक स्थापना उन्नत गैस सफाई तकनीक के साथ एकीकृत होगी, ताकि बाय-प्रोडक्ट की इष्टतम पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके और कठोर पर्यावरणीय और वैधानिक विनियमों का पालन किया जा सके, जो टिकाऊ औद्योगिक प्रथाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
    नई सीओबी #12 एक एकल-चेंबर सी.डी.क्यू. प्रणाली से सुसज्जित होगी, जिसकी क्षमता 120 टी.पी.एच. होगी। यह एक अपशिष्ट ऊष्मा बॉयलर के साथ एकीकृत होगी, जो उच्च तापीय दक्षता, न्यूनतम धूल उत्सर्जन और उत्कृष्ट कोक गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को भी कम करेगी, जिससे यह टिकाऊ इस्पात निर्माण प्रौद्योगिकी में एक मील का पत्थर बनेगी।
    इसके अतिरिक्त, आगामी डी.एम. वाटर प्लांट में प्रत्येक 100 टी.पी.एच. की दो धाराएँ (1W+1S) होंगी, जो प्रक्रिया की स्थिरता के लिए निरंतर और कुशल जल उपचार सुनिश्चित करेंगी।
    आगामी नई सीओबी #12 उन्नत दक्षता, उत्कृष्ट गैस पुनर्प्राप्ति और ड्राई-क्वेंचिंग के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए कोक उत्पादन क्षमताओं को परिवर्तित करने और डाउनस्ट्रीम इस्पात निर्माण को मजबूत करने के लिए तैयार है।

  • बर्नपुर यूनाइटेड क्लब की तरफ से 81वें ईसको चैलेंज फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था आज बर्नपुर स्टेडियम में उसका फाइनल मैच खेला गया इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया उपस्थित थे

    बर्नपुर यूनाइटेड क्लब की तरफ से 81वें ईसको चैलेंज फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था आज बर्नपुर स्टेडियम में उसका फाइनल मैच खेला गया इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया उपस्थित थे

    पब्लिक न्यूज़ आसनसोल बिनु श्रीवास्तव रिकी बाल्मीकि:–बर्नपुर यूनाइटेड क्लब की तरफ से 81वें ईसको चैलेंज फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था आज बर्नपुर स्टेडियम में उसका फाइनल मैच खेला गया इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया उपस्थित थे इसके अलावा यहां एक और पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी ऐलविटो डी कुन्हिया भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे इनके अलावा पश्चिम वर्तमान जिले के जिला शासक एस पोन्नाबलम और बर्नपुर यूनाइटेड क्लब के तमाम सदस्य उपस्थित थे। इस मौके पर यहां आमंत्रित अतिथियों ने इस फुटबाल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए क्लब की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलता है और वह आगे जाकर राष्ट्रीय स्तर पर भी खेल सकते हैं उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के फाइनल मैच में सम्मिलित होकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है बाइचुंग भूटिया ने कहा कि उन्हें इस प्रतियोगिता के फाइनल मैच में आकर प्रसन्नता हो रही है और उन्होंने आयोजकों से अपील की की अगली बार जब इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा तो उत्तर बंगाल से भी एक टीम को इसमें सम्मिलित किया जाए।