
पब्लिक न्यूज आसनसोल, पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र आसनसोल मैथन डेम पहुँचे जर्मनी के रहने वाले 32 वर्षीय पास्टर पैट स्थानीय लोगों के लिये कुछ क्षन के लिये आकर्षक का केंद्र बन गए, आकर्षक का केंद्र इस लिये क्यों की इस पर्यटक स्थल पर भारतीय लोगों को छोड़ बहोत कम ही ऐसे विदेशी सैलानी हैं जो यहाँ घूमने आते हैं, हालांकि इस पर्यटक स्थल पर देश विदेश से घूमने आने वाले सैलानियों के घूमने के लिये नौका बिहार, पक्षी बिहार, हिरन पार्क, माँ कल्यानेश्वरी टेम्पल इसके अलावा चारों तरफ पहाड़ और हरे भरे जंगलों से घिरा यह इलाका साथ ही इस इलाके की सौन्दर्यता को चार चाँद लगाने वाली एक सुंदर सी झील, डिवीसी डैम लोगों अपनी ओर कुछ इस कदर आकर्षित करती है की लोग खुद ही इस जगह पर खिचे चले आते हैं, यही कारण है की सात समंदर पार जर्मनी से पास्टर पैट यहाँ खिचा चला आया और उसने इस जगह की एक -एक खूबसूरती को अपने कैमरे मे कैद कर ली, पास्टर ने कहा की उसके भारत आए करीब 6 महीने हो गए हैं, उसके अलावा जर्मनी से और दो लोग भारत आए हैं, बाकि आठ लोग और हैं जो उसके तरह ही जर्मनी, लंदन सहित अन्य कई देशों से भारत पहुँचे हैं, पास्टर ने यह भी कहा की वह और उसके अन्य दोस्त भारत के सांसकुर्तिक से काफी प्रभावित हैं, जिस सांसकुर्तिक को वह नजदीक से जानने समझने और उसे सिखने के लिये भारत पहुँचे हैं, पास्टर ने कहा की वह और उसके साथी जबसे भारत पहुँचे हैं वह तब से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों मे घूम -घूमकर पश्चिम बंगाल की सांसकुर्तिक और यहाँ की विभिन्न प्रकार की कला को अपने कैमरे मे कैद कर रहे हैं, पास्टर ने कहा पश्चिम बंगाल के बाद वह झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित भारत के अन्य राज्यों का दौरा करेंगे और उन राज्यों की सांसकुर्तिक से रु- बरु होंगे यही उनका लक्ष्य है, इसके अलावा पास्टर ने कहा की यह 6 महीना कैसे और कब गुजर गया यह ना तो उसे पता चला और ना ही उसके साथियों को, उसने कहा भारत के लोग भारत की सांसकुर्तिक यहाँ के खान -पान यहाँ के पहनावे, यहाँ के लोगों का बर्ताव उनको बहोत अच्छा लगा, पास्टर ने कहा वह भारत के अपने इस अनुभव को पूरी दुनिया के सामने रखेंगे और उससे रु -बरु करवाएंगे





