ऑल इंडिया लोगो रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की तरफ से आज आसनसोल रेलवे डिवीजन के डीआरएम कार्यालय के सामने 6 सूत्री मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया

पब्लिक न्यूज़ अमित कुमार गुप्ता आसनसोल :–ऑल इंडिया लोगो रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की तरफ से आज आसनसोल रेलवे डिवीजन के डीआरएम कार्यालय के सामने 6 सूत्री मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए संगठन के केंद्रीय वाइस प्रेसिडेंट आर आर भगत ने कहा की लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की तरफ से लगातार इन मांगों के समर्थन में रेलवे प्रबंधन के अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही है लेकिन जब कोई फायदा नहीं हुआ तो यह फैसला लिया गया कि आज हर एक डीआरएम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा उन्होंने कहा कि लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के सदस्यों की मांग है कि घंटे में 46 घंटे रेस्ट दिया जाए जबकि अभी रेलवे प्रबंधन सिर्फ 30 घंटे रेस्ट देता है ।

इससे लोकल रनिंग स्टाफ पर बुरा असर पड़ रहा है उनके कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है और हादसों का खतरा बढ़ रहा है उन्होंने कहा कि लोको रनिंग स्टाफ की एक और मांग यह है कि उनको जो ट्रैवलिंग एलाउंस मिलता है उसे पर 70% छूट देनी चाहिए और 30% पर ही टैक्स कटना चाहिए एक और अमूढ़ा जो उन्होंने आज उठाया वह था रेलवे में रिक्त पदों पर नियुक्तियों का मुद्दा उन्होंने कहा कि लोको रनिंग स्टाफ रेलवे में सेफ्टी कैटेगरी में आते हैं सिर्फ लोको रनिंग स्टाफ कैटेगरी में ही रेलवे में 53000 से ज्यादा रिक्त पद हैं जबकि पूरे रेलवे में 3 लाख से ज्यादा रिक्त पद हैं इस वजह से लोगों रनिंग स्टाफ को 9 घंटा से ज्यादा काम करना पड़ता है ।

जबकि हाई पावर कमेटी की तरफ से यह कहा गया था कि यात्री ट्रेनों के लोगों रनिंग स्टाफ को 6 घंटा और पैसेंजर ट्रेनों के लोगों रनिंग स्टाफ को 9 घंटे से ज्यादा काम नहीं करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने रेलवे में जो महिला लोको रनिंग स्टाफ है उनके लिए शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की उन्होंने कहा कि इस बारे में संगठन की तरफ से देश के विभिन्न दालों के सांसदों को पत्र लिखा गया था उन्होंने यह मुद्दा रेलवे में उठाया भी था लेकिन यह बड़े अफसोस की बात है कि रेलवे के मंत्री अश्विनी वैष्णव तक को नहीं पता की असली हालत क्या है उन्होंने कहा कि अश्विनी वैष्णव को यह भी नहीं पता कि रेलवे में जो असिस्टेंट लोको रनिंग स्टाफ होते हैं उनको कोई रिस्क अलाउंस नहीं मिलता । इसके साथ ही उन्होंने रेलवे ड्राइवर केबिन में एसी लगाने की मांग की

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More posts