
पब्लिक न्यूज भरत पासवान जामुड़िया : सीटू द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “शिल्प बचाओ, नौकरी बचाओ, जिला बचाओ एवं बंगाल बचाओ” अभियान के तहत रविवार की सुबह विशाल पदयात्रा की शुरुआत हुई। यह पदयात्रा जामुड़िया के पुनियाटिह से प्रारंभ होकर जामुड़िया बाजार होते हुए आखलपुर के रास्ते नीमा डांगा पहुंची। दोपहर में संक्षिप्त ठहराव के बाद पदयात्रा पुनः शिवडांगा से शुरू हुई और नीघा कोलियरी होते हुए रोटी–बाटी मार्ग पर आगे बढ़ी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पहला दिन यहीं समाप्त हुआ। इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हिस्सा लिया तथा रोजगार सुरक्षा व उद्योग संरक्षण की मांगों को जोरदार ढंग से उठाया।इस मौके पर महिला नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी, सीपीआईएम पश्चिम बर्धमान जिला कमिटी के सचिव गौरांग चटर्जी,सीटू के जिला सचिव प्रवीर मंडल, बस्ती उन्नयन कमिटी के जिला सचिव संजय प्रमाणिक, माकपा नेता तापस कवि, मनोज दत्ता, एमडी कलीमुद्दीन, सुमित कवि, विकास यादव, बुद्ध देव रजक,भरत पासवान, महिला नेत्री कृष्णा भट्टाचार्य, सुभाष बाउरी, कुंतल चटर्जी,सुभीषीश बनर्जी, एमडी कयुम, मुन्ना अहीर मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस संबंध में मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि बंगाल की जनता ने तृणमूल और भाजपा के जिन लोगों को अपना जन प्रतिनिधि चुना था और रोजी रोजगार तथा आम जिंदगी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी दी थी। वह आज धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। मंदिर मस्जिद और अन्य धार्मिक मसलों में लोगों को उलझा कर वह लोगों का ध्यान असली मुद्दे से भटकाना चाहते हैं लेकिन वामपंथी हमेशा रोजी-रुजदार शिक्षा स्वास्थ्य लोगों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा विकास औद्योगिकरण पर्यावरण सुरक्षा जैसे मूलभूत मुद्दों पर जोर देती रही है। इन्हीं मुद्दों को उठाते रही है। इसके लिए वामपंथी कार्यकर्ताओं को काफी तकलीफ भी झेलना पड़ रही है लेकिन वह इसके लिए भी तैयार हैं। वहीं माकपा नेता गौरांग चटर्जी ने कहा कि कूचबिहार से काकद्वीप तक बांग्ला बचाओ यात्रा का आयोजन किया गया है। उसे यात्रा के साथ समन्वय रखते हुए वामपंथियों द्वारा जिले में चार जाठा निकाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा के पश्चिम वर्धमान जिले के बर्नपुर, आसनसोल, जामुड़िया, रानीगंज, अंडाल, दुर्गापुर, का़कसा और चौथा सांकतोड़िया से चित्तरंजन तक निकलेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए वह लोगों का ध्यान पश्चिम बंगाल की मूलभूत सुविधाओं के अभाव की तरफ लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज इस जिले में कई कारखाने बंद पड़े हैं। एक समय इस क्षेत्र को कारखाना की वजह से जाना जाता था लेकिन आज बर्नपुर हो या कुल्टी या रानीगंज या फिर दुर्गापुर हर इलाके में अनगिनत कारखाने बंद पड़े हैं। जामुड़िया में भी कई कारखाने बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जब कारखाने बंद होते हैं तो उसका पूरा असर क्षेत्र के अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इसी वजह से आज पश्चिम बर्दवान जिले की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वहीं उन्होंने ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के निजीकरण की बात एक ही उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निजीकरण का प्रयास किया जा रहा है। एमडीओ के जरिए कई खदान चलाए जा रहे हैं। इससे कोयला तो ज्यादा निकाला जा रहा है लेकिन वह बचा नहीं जा रहा है। जिस वजह से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कर्मचारियों को सही समय पर अब वेतन भी मिलना बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों के नीजीकरण के खिलाफ वामपंथियों ने हमेशा आवाज उठाई है और आज जो कुछ भी हो रहा है इसकी ताकिद वामपंथियों द्वारा बहुत पहले ही कर दिया गया था। एक और मुद्दा जिसे लेकर वामपंथी सड़क पर उतरे हैं वह है इस जिले में नदियों को नुकसान पहुंचाने का मुद्दा उन्होंने कहा कि बालू के अवैध उत्खनन की वजह से दामोदर, अजय सहित इस जिले के साथ प्रमुख नदियों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है लेकिन इस तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है उन्होंने कहा कि दामोदर और अजय सिर्फ इस जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे बंगाल के लिए बहुत से महत्व रखते हैं लेकिन बालू के अनियंत्रित उत्खनन के कारण आज इन सभी नदियों का अस्तित्व संकट में आ गया है। नदियों के पानी में जहरीला केमिकल मिलाया जा रहा है लेकिन नदियों को प्रदूषित करने वाले कारखानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर भी केंद्र और राज्य सरकार को घेरा उन्होंने कहा कि आज पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। जिस वजह से पढ़े-लिखे युवाओं का शोषण हो रहा है लेकिन पर्यावरण का ध्यान रखते हुए औद्योगीकरण की तरफ किसी का ध्यान नहीं है जिस वजह से आज बेरोजगारी चरम पर है।







