
पब्लिक न्यूज़ ब्यूरो/अमित कुमार गुप्ता आसनसोल आसनसोल स रोड स्थित गौशाला में मुरारका परिवार की ओर से एवं आसनसोल महावीर अस्थान सेवा समिति के सहयोग से सात दिवस श्रीमद् भागवत कथा का ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन में सोमवार यानी कि आज श्री कृष्णा के जन्म उत्सव लीला पर कथा सुनाई गई। श्री स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज ने कथा में उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार होना अति आवश्यक होता है ।


आत्मा कभी नहीं मरती आत्मा अमर अविश्वसनीय होती है । मानव जीवन का लक्ष्य है आत्मा की प्राप्ति गुरु जी नाम समाज के लोगों से निवेदन किया है। कि चमत्कार में नहीं परना चाहिए । तत्पश्चात सत्संग एवं पुण्य से जो लाभ प्राप्त होता है ।वही साथ जाएगा आप लोगों का। उन्होंने एक-एक संत की कथा सुनाइए ।उन्होंने कहा कि एक ऐसी संत महात्मा उफनती गंगा नदी में खड़ाऊ पहन कर नदी के ऊपर से उसे पर से इस पर चले आ रहे थे।


महात्मा जी का शिष्य चमत्कार देखते हैं और यह लगातार चमत्कार वो शिष्य देख रहे थे। उसके बाद वह शिष्य उनसे काफी प्रभावित हुए। अपने गुरु जी को जाकर बताया और गुरु जी सुनकर वह कहा कि कल मैं भी देखने चलूंगा या दृश को। दूसरे दिन शिष्य के साथ गुरुजी घाट पर जा पहुंचे । गुरुजी ने देखा वह महात्मा नदी के ऊपर से उसे पर से इस बार चले आ रहे थे । गुरु जी ने उस महात्मा के हाथ जोड़कर अभिनंदन किया और उनसे पूछा कि यह सिद्ध कितने दिन में प्राप्ति हुई आपको। उसे महात्मा ने बताया कि मुझे पूरे 25 वर्ष लगे। तब गुरु जी ने उसे महात्मा को अपने शिष्य को नाव में बैठकर नदी के उसे पर ले गया और नाविक को ₹2 दिया। उसके बाद उसे महात्मा से गुरु जी ने कहा जो काम दो रुपए मूल्य में हो सकता था उसे काम में अपने पूरे 25 वर्ष लगा दिए। इससे समाज का क्या भला होगा। यह बताइए संतों का काम समाज में संस्कार सीखना होता है ना की चमत्कार दिखाना। गुरुजी चातुर्मास के उपलक्ष में एक बहुत ही सुंदर कथा सुनाएं।

भगवान विष्णु जब चातुर्मास में सयन करते हैं । तो उसे के चौथे महीने साधू – संतों समाज और भक्ति दिन रात प्रभु का गुणगान करते हैं । इस संदर्भ में लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु से पूछे कि भगवान आप जब 4 महीने सयन में रहते हैं। तो लोग एवं भक्त किसकी आराधना करते हैं। तब विष्णु भगवान ने कहा कि मैं तो सोता नहीं हूं सयन में मग्न रहता हूं। लक्ष्मी माता पूछी प्रभु आप किसका ध्यान करते हैं। तब प्रभु ने कहा कि संत चीत और आनंद का ध्यान करता हूं जो मेरे ही अंदर ही है। सभी भक्तों चमत्कार में ना परे । अपने अंदर में ध्यान लगाना चाई और मगन रहनी चाहिए ताकि उनकी ध्यान ना भटके और गलत संगत में ना पड़े। संसार में गुरु के बिना सब कुछ अधूरा है या इच्छा बोले या जीवन।

मौके पर चौथे दिन मुख्य अतिथि आसनसोल दक्षिण थाना के आईसी कौशिक कुंडू, महावीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा, कन्हैया शर्मा, सीताराम बगरिया, दीपक तोडी, बालकिशन मुरारका का पूरा परिवार, मोहन केशव भाई सहित पटेल परिवार, निर्मल बजाज, राजकुमार शर्मा, नारायण मुरारका, बाल कृष्णा मुरारका, सरस मुरारका, सरोज मुरारका, पंखुड़ी मुरारका, शुचि पोद्दार, सुमित्रा टेबरेवाल, स्वेता टेबरेवाल, कपूर अग्रवाल, नारायण मुरारका, पुरषोत्तम मुरारका, नीलम मुरारका, सोनल टेबरेवाल, राजू पोद्दार, अन्नु पोद्दार, महेश झुनझुनवाला, मधु झुनझुनवाला, निरंजन शास्त्री, कृष्णा पंडित, मंजू अग्रवाल, ओम प्रकाश शर्मा, महेश शर्मा, शियाराम अग्रवाल, रतन दीवान, मुकेश शर्मा, पूर्व पार्षद आशा शर्मा, प्रेमचंद केशरी, सज्जन जालुका, मुकेश पहचान, बासुदेव शर्मा, मनीष भगत, प्रकाश अग्रवाल, अक्षय शर्मा, रौनक जालान सहित सैंकड़ों महिलाएं एवं पुरुष भक्त उपस्थित थे।

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