पब्लिक न्यूज भरत पासवान दुर्गापुर: एसआईआर प्रक्रिया के दबाव में एक बीएलओ हार्ट अटैक आ गया। घटना को लेकर तृणमूल ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है। हार्ट अटैक के बाद बीमार बीएलओ को बिधाननगर के प्राइवेट मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस घटना को लेकर इलाके में हलचल तेज हो गई है। वहीं राज्य के पंचायत, ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार ने आरोप लगाया है कि बीएलओ को गलत तरीके से दौड़ा-दौड़ाकर और डरा-धमकाकर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कमल कुमार विश्वास बांकुड़ा के बरजोड़ा स्थित माझेर माना इलाके के रहने वाले हैं। वह उस इलाके में एसआईआर के इंचार्ज थे। उनकी पत्नी दीपाली विश्वास ने आरोप लगाया कि “वह ज्यादातर रात जागते थे और दिन में गिनती का फॉर्म भरते थे।

उस दबाव की वजह से उन्हें अचानक हार्ट अटैक आया और वह बेहोश हो गए। उन्हें सोमवार को बिधाननगर के प्राइवेट मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बुधवार को उनकी हार्ट सर्जरी हुई। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।” लेकिन राज्य के पंचायत, ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार ने आरोप लगाते हुए बताया कि दूसरे प्रोफेशन में शामिल लोगों को भी एसआईआर का काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। डेडलाइन तय की जा रही है। शुरू में चुनाव आयोग ने बताया था कि गिनती का फॉर्म 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक भरकर जमा किया जा सकता है। अब वह डेडलाइन फिर से कम की जा रही है। केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने तरीके से चुनाव आयोग के अधिकारियों को नियुक्त किया है। हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इस जल्दबाजी के खिलाफ हैं।”