इस्को मैं जूनियर इंजीनियर पदनाम लागू, लेकिन डिप्लोमा इंजीनियर अभी भी नाखुश ।

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अमित कुमार गुप्ता आसनसोल बर्नपुर:–DEFI और बर्नपुर डिप्लोमा इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के लंबे संघर्ष के परिणामस्वरूप, SAIL इसको प्रबंधन ने आखिरकार डिप्लोमा इंजीनियरों कि लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर लिया और आज सभी कर्मचारियों का पदनाम बदल दिया। इस IISCO में जूनियर इंजीनियर पदनाम लागू हुआ, लेकिन डिप्लोमा इंजीनियर अभी भी नाखुश हैं। इस संदर्भ में बर्नपुर डिप्लोमा इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव लब कुमार मन्ना ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि1 मई 2017 को इस्पात मंत्रालय के अवर सचिव द्वारा सेल मैनेजमेंट को एक सलाह दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि अन्य CPSEs की तरह डिप्लोमा इंजीनियरों का पदनाम जूनियर इंजीनियर होना चाहिए। प्राथमिक रूप से डिप्लोमा इंजीनियरों के पदनाम को बदलने के लिए 17 दिसंबर 2018 मैं एक कमिटी का गठन सेल कॉर्पोरेट कार्यालय ने किया था, बाद में कमिटी ने सेल में कार्यरत सभी कर्मचारियों के पदनाम को बदलने में रुचि दिखाए थी। फिर दिनांक 12-06-2024 को सेल कॉर्पोरेट कार्यालय ने एक पदनाम परिवर्तन परिपत्र प्रकाशित किया, जिसमें एस-9 ग्रेड से “जूनियर इंजीनियर” पदनाम देने का उल्लेख है, जो सेल में डिप्लोमा इंजीनियर के भर्ती होने के लगभग 22 वर्षों के बाद दिया जाएगा। हमारी मूल मांग एंट्री ग्रेड से डिप्लोमा इंजीनियरों को “जूनियर इंजीनियर” की पदनाम देने की थी और हम उस मांग से रत्ती भर भी पीछे नहीं हट रहे हैं, क्योंकि यह “जूनियर इंजीनियर” की पदनाम अन्य सरकारी और सरकारी संस्थानों में डिप्लोमा इंजीनियरों को दी गई है। हम भविष्य में भी इस दावे पर लड़ाई जारी रखेंगे।

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