

पब्लिक न्यूज अंडाल मंथन पासवान :–अंडाल थाने के पुलिस ने अवैध तरीके से बालू लदा पांच ओवरलोड बालू ट्रकों को किया किया जप्त।
एक हाईवा ट्रक पर नंबर प्लेट ही नहीं
घटना बुधवार की देर रात की बताई जा रही है जो कि मदनपुर के बाबुइसोल पलाशवन रोड से इन वाहनों को जब्त किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिकायत मिलने के बाद अंडाल थाने की पुलिस ने कार्रवाई की और बुधवार की देर रात छापेमारी की। पुलिस ने मदनपुर पंचायत के बाबुइसोल पलाशवन रोड से बालू लदे पांच ओवरलोड हाइवा डंपरों को जब्त किया।
इस संबंध में डंपर के ड्राइवर से जब बात की तो उन्होंने बताया कि डंपर के मालिक का नाम हमें पता नहीं है यह बालू घाटों पर जो ड्राइवर लोडिंग करते हैं वह अलग होते हैं और फिर हम लोगों को हाईवे पर सौंप दिया जाता है उसके बाद मलिक के अनुसार जहां वाहनों को पहुंचाना होता है हम लोग पहुंचा देते हैं और यह बालू लोडिंग अनलोडिंग का काम जो चलता है वह शिफ्टिंग में चलता है हर शिफ्टिंग में अलग-अलग ड्राइवर की ड्यूटी होती है
तो ही दूसरी तरफ इस संदर्भ में भाजपा नेता ने अवैध बालू तस्करी पर कहा की टीएमसी सरकार और बालू माफिया प्रशासन मिलजुल कर बहुत अच्छे से ये सब काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि जमुरिया पांडेश्वर अंडाल में अवैध तस्करी पर लगाम प्रशासन लगा ही नहीं पा रही है
वहीं जदातर देखा गया की डंपर में महाकाल ट्रांसपोर्ट के नाम का स्टीकर लगा लगा हुआ है अब सबसे हैरानी की बात यह है कि रात के अंधेरे में यह लोग इतने बड़े काम को अंजाम दे रहे हैं और इन्हें प्रशासन का जरा सा भी डर नहीं है
अब इसे आप नया सिंडिकेट का तरीका भी मान सकते हैं की किस तरह बिना कागज का अवैध बालू का तस्करी रात के अंधेरे में किया जाता है
पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि आखिरकार इन सब का सरदार कौन है जो की एक जगह से बैठकर इतने बड़े रैकेट को चला रहा है
अब देखा जाए कि इस पर पुलिस द्वारा क्या कार्रवाई होती है क्योंकि राज्य सरकार के बार-बार बोले जाने के बाद भी अवैध बालू की तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रहा है
अब पुलिस यह जानना चाह रही है कि आखिरकार यह बालू अजय नदी का है या दामोदर नदी का यह अभी रहस्य का विषय बना हुआ है
पुलिस सूत्रों के अनुसार बालू लदे जब्त डंपरों को आज भूमि राजस्व विभाग को सौंप दिया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे इस बात की जांच करेंगे कि यह बालू दामोदर के किस घाट से निकाला गया है और तस्करी कर कहां पहुंचा जा रहा था।












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