

पब्लिक न्यूज आसनसोल:– आसनसोल जिला अस्पताल में लगातार पिछले कुछ समय से ऐसे कई मुश्किल और जटिल ऑपरेशंस किए गए हैं जो इससे पहले सोचा भी नहीं गया था कि आसनसोल जिला अस्पताल में किया जा सकता है। आज आसनसोल जिला अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ निखिल चंद्र दास ने ऐसे ही एक हालिया ऑपरेशन के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन किया जहां आसनसोल जिला अस्पताल के ऑंकोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित मुखर्जी सर्जन डॉक्टर अमित गुप्ता के अलावा अन्य चिकित्सक और चिकित्सा सेवा से जुड़े कर्मचारी उपस्थित थे डॉक्टर निखिल चंद्र दास ने बताया कि 7 फरवरी को वीरभूम की रहने वाली बबीता साव मंडल पेट दर्द और पेट फूलने की बीमारी लेकर आसनसोल जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी इससे पहले उन्होंने बीरभूम में कई डॉक्टरों को दिखाया था लेकिन उनको कोई फायदा नहीं मिला जब उन्हें पता चला कि आसनसोल जिला अस्पताल में इसका इलाज संभव है तो आसनसोल जिला अस्पताल आई। 7 फरवरी को उन्हें भर्ती किया गया इसके बाद नियम के अनुसार उनके सभी जांच किए गए इसमें ऑंकोलॉजिस्ट गाइनेकोलॉजिस्ट जनरल फिजिशियन सहित सभी डॉक्टर शामिल थे जांच के बाद आई रिपोर्ट में ऑपरेशन का फैसला लिया गया लेकिन जब ऑपरेशन की बारी आई तो देखा गया कि ट्यूमर उनके पेट में नहीं उनके लीवर में है इससे यह ऑपरेशन काफी कठिन हो गया लेकिन बबीता और उनके परिवार की पृष्ठभूमि और उनके आर्थिक स्थिति को देखते हुए आसनसोल जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने फैसला लिया कि वह यह ऑपरेशन जिला अस्पताल में ही करेंगे और सभी के सहयोग से 15 तारीख को बबीता का ऑपरेशन हुआ और उनके लीवर से तकरीबन 14 सेंटीमीटर का ट्यूमर निकाला गया डॉक्टर निखिल चंद्र दास ने बताया कि यह बहुत ही मुश्किल ऑपरेशन था और मरीज की जान पर भी खतरा था लेकिन जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों के सम्मिलित प्रयास से इस असंभव से दिखने वाले काम को संभव किया जा सका फिलहाल बबीता ठीक है और बहुत जल्द वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगी। इस बारे में डाक्टर अमित गुप्ता ने बताया कि जब बबीता जिला अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत लेकर भर्ती हुई थी तब उनका टेस्ट किया गया था तब पाया गया था कि उनके पेट में ट्यूमर है लेकिन ऑपरेशन के समय यह देखा गया कि ट्यूमर उनके पेट में नहीं उनके लीवर में है तब यह मामला बेहद संगीन बन गया लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया और आज बबीता बिल्कुल स्वस्थ हैं और बहुत जल्द पूरी तरह से अपने स्वाभाविक जीवन में लौट जाएंगी। वहीं इस बारे में जब हमने बबीता से बात की तो बबीता ने कहा कि उनको पेट दर्द की शिकायत थी और बीरभूम में उन्होंने काफी डॉक्टर से सलाह ली थी उनका मायका झारखंड में है और उनके आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह बाहर किसी नर्सिंग होम में इसका इलाज करवा पातीं। जब उनको आसनसोल जिला अस्पताल के बारे में पता चला तो वह यहां पर आईं 7 फरवरी को वह यहां पर भर्ती हुई 15 फरवरी का उनका ऑपरेशन हुआ अभी वह बिल्कुल स्वस्थ हैं और इसके लिए उन्होंने आसनसोल जिला अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर निखिल चंद्र दास सहित पूरी टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि यहां के डॉक्टरों ने उन्हें एक नई जिंदगी दी है वही बबीता के मामा भी काफी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि एक समय लगा था कि उन्होंने अपने भांजी को खो दिया लेकिन आसनसोल जिला अस्पताल के डॉक्टरों की वजह से उन्हें अपनी भांजी वापस मिली।











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